रांची। एक साधारण भाजपा कार्यकर्ता से प्रवक्ता तक का सफर तय करने वाली और वर्तमान में मुखिया मिसफीका हसन समाज की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना अपना लक्ष्य मानती हैं। इनका कहना है कि महिलाएं आत्मनिर्भर होती हैं तो पूरा परिवार आर्थिक रूप से मजबूत होता है. महिलाएं फिजूलखर्ची से परिवार को बचाती है. इसलिए सुश्री हसन का मानना है कि महिलाओं का संपूर्ण विकास होता है और वह आत्मनिर्भर बनती है तो समाज अपने आप आगे बढ़ता है. कहती हैं भाजपा प्रदेश की प्रवक्ता और मुखिया होने के नाते प्रत्येक दिन पंचायतों में जाकर महिलाओं से मिलना और उनकी समस्याओं का समाधान करना मेरी आदत हो गई है. और आज जहां भी जाती हूं हर समुदाय की महिलाएं आदर और सम्मान के साथ स्वागत करती हैं. मेरी यह पहचान काम के बदौलत ही है. इसलिए एक महिला मुखिया होने के नाते समाज की महिलाओं के लिए रोजगार के रूप में लघु और कुटीर उद्योग लगाना मेरी पहली प्राथमिकता है.
हाई स्कूलों को अपग्रेड करने से होगी शिक्षा में सुधार

बच्चियों की शिक्षा और महिलाओं के स्वास्थ्य पर काम करना दूसरी प्राथमिकता बताती हैं. इनका कहना है कि बच्चियां गांव में उच्च शिक्षण संस्थान नहीं होने की वजह से पढ़ नहीं पाती. कभी कभी पास के गांव में हाई स्कूल होते हुए भी छात्राओं को घर से निकलने का परमिशन नहीं होता है इसलिए हाई स्कूलों को अपग्रेड कर दिया जाए तो ग्रामीण बच्चियां भी उच्च शिक्षा हासिल कर सकती हैं. मुखिया मिसफीका हसन खुद बायो टेक्नोलॉजी में एम टेक हैं। और शिक्षा को बढ़ावा देना अपना संकल्प बताती हैं.

महिलाओं पर पूरा विश्वास
यदि मौका मिले तो महिलाओं का जनसमर्थन पाने में कामयाब होंगी. पाकुर विधानसभा क्षेत्र हमारे लिए नया नहीं है. जन्मभूमि और कर्मभूमि होने के नाते मैं इस क्षेत्र को आदर्श बनाना चाहती हूं. मुझे पूरा भरोसा है और अपने काम पर विश्वास है कि समाज की महिलाएं और बड़े-बुजुर्ग का जनसमर्थन जरूर मिलेगा.

मुखिया मिसफीका हसन का संक्षिप्त परिचय

वर्ष 2014 में भाजपा कार्यकर्ता बनने के बाद पाकुड़ में भाजपा की स्थिति काफी मजबूत की. संगठन में रहते हुए इन्हें कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ा. इन सब के बावजूद हार ना मानते हुए पार्टी के सहयोग में कोई कमी नहीं होने दिया. आज उसी का नतीजा और परिणाम है कि भाजपा प्रदेश प्रवक्ता की कमान संभाल रही हैं. साथ ही साथ वर्तमान में मुखिया भी हैं. एजुकेशन की बात की जाए तो स्नातक करने के बाद बायो टेक्नोलॉजी में एमटेक किया. और अभी भी समय और मौका मिलने पर पढ़ाई से पीछे नहीं हटने की बात करती हैं. समाज की महिलाओं पर 100 फ़ीसदी विश्वास रखते हुए आगे मौका मिलने पर क्षेत्र की पहचान दिलाना इनका संकल्प है.
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